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पन्नो में सिमटी सी एक याद हो तुम ,

जिसे पाने की अक्सर किया करती हूँ ,

वो फरियाद हो तुम !

रात का आखिरी , 

सुबह का आखिरी ख्याल हो तुम !

ख्वाबों में भी जिसे पाकर मुस्कुरा दिया करती हूँ मैं,

एसा छुपा अन्छुपा सा राज़ हो तुम ! 

Kuch Nazm Kuch Khyaal / कुछ नज़म कुछ ख्याल

₹135.00Price

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